यूँ तो बच्चो की हर उम्र, हर बात, हर याद parent's को हमेशा आंनदित करती है। पर जन्म से लेकर 5 साल तक का समय अलग ही होता है।
नन्हें नन्हे रूई जैसे हाथ,एक एक करवट लेने का हिसाब किताब,
पलटा तो बच्चा कब पलटा, क्या सबसे पहले खाया।
किस रिश्ते का नाम सबसे पहले लेकर किसको भाग्यशाली बनाया।
पहली बार fever आना, injection लगवाना,
रोज check करना कि दांत आये या नहीं आये।
फिर डगमगाते कदमो से चलना,ओर तोतली भाषा मे बात करना।
निसंदेह हर माँ को अपने बच्चे को पहली बार गोद मे लेना अपनी आँखों के हमेशा के लिए बंद होने तक याद रहता है।
एक अलग दुनिया होती है इस उम्र के बच्चो की और उस से भी अलग सुखद और कभी कभी अत्यंत जटिल parents की।
मेरी छोटी बेटी 3 साल की है आप उस से दस बार पूछ लिजिए वो हमेशा पहली बार I FOR JOKER ही बोलेगी, ओर फिर खुद ही छोटी छोटी गोल बटन जैसी आँखों को घुमा कर जोर से हसेगी।सुबह उठने से लेकर रात मे सोने तक मम्मा मम्मा........ओर मम्मी ओर पापा मे जो सबसे ज्यादा busy है उस पे उसी वक्त सबसे ज्यादा प्यार आना।रोचक पल होते है माता पिता के जीवन के बच्चे तोतली भाषा मे अपनी ही dictionary बना कर बात करते है।जिसमे हर रिश्ते का नाम कभी मम्मा तो कभी पापा होता है।
जब हमारे दोनो बच्चों की लडाई होती है तब हमेशा बडी अपना बड्पन दिखाकर छोटी से मार खा लेती है।ओर हम छोटी से बोलते रहते है "bad girl ऐसा करते है मत करो " तो जावाब मिलता है "हू मै bad girl मारना है" उस के बाद जो महाभारत का प्रारंभ होता है बस।
एक छोटी सी खरोच आने पर भी doctor के पास जाना है...
मम्मा को मानाने के लिए कहना है"अले मेली मम्मा"
डाटने पर room के कोने मे जाकर दिवाल की तरफ देख कर कहना "मुझे कुछ नही करने देते"|
जो हम बोलते है उन्ही की असख्य पुनरावृति के साथ जैसे आज की headline है "कट्टप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा"
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Thanks