जल बचाने की जिम्मेदारी वास्तव में हमें ही लेनी होगी। यह जिम्मेदारी सामुदायिक जिम्मेदारी है। ग्लास में आधा पानी पीने के बाद आधा फेकते समय जरुर सोचना चाहिए की इस आधे ग्लास पानी के लिए आपके ही देश के एक हिस्से में लोग जान दे और जान ले रहे है | " लोग एक मटकी पानी के लिए 10 किलोमीटर की दूरी तय कर घन्टो की लाइन लगा रहे है । स्थिति की भयानकता को समझिये और सम्हलिये | "The Hindu" के दिए गए आकड़ो से स्पष्ट है के 2015 में सिर्फ महाराष्ट्र में 3228 किसानो ने आत्महत्या कर ली | 2014 से 2017 के अप्रैल तक आत्महत्या किये किसानों का सरकारी आकंड़ा 30, 000 पार कर चुका है । 2001 से यदि अकेले महाराष्ट्र का आकलन करे तो सूखे की वजह से विदर्भ में आत्महत्या करने वाले किसानो की संख्या 20 हज़ार को पार कर जाती है । ये सूखा ,अकाल अंतिम सेफ्टी सायरन है | अगली बार दिन में दो बार शॉवर, तीन बार फ्लश और चार बार फेसवाश लेने से पहले ,कार धोने वाले ,सड़क पर पानी बहाने वाले , पाइप बगीचे में डाल भूल जाने वाले,ब्रश करते वक्त नल खुला छोड़ देने वाले इस तस्वीर को याद रखे
न जाने क्यों, बारिश की बूंदों में ठंडक होती है, हर आहट पे दिल पे दस्तक होती हैं चलने को चलते है हम हज़ार कदम पर मंजिल बस एक कदम दूर होती है This is my Poem collection,some written by me and some from my fav writers.