मेरे बच्चों की हंसी
कुलकुले मीना जैसे
जैसे नग़्मा हो किसी झरने का
जैसे दोशीज़ा के पायल की झनक
जैसे कलियों के चटक़ने की सदा
जैसे रफ्तार ए सबा
जैसे खंदा हो सहर
जैसे महबूब की उल्फत की नज़र
इनकी मासूम हंसी
एश अंगेज़ सुकून मुझको अता करती है
मेरा हर दर्द मिटा देती है
ग़म अफ़्कार भुला देती है
मेरे बच्चों की हंसी !
कुलकुले मीना जैसे
जैसे नग़्मा हो किसी झरने का
जैसे दोशीज़ा के पायल की झनक
जैसे कलियों के चटक़ने की सदा
जैसे रफ्तार ए सबा
जैसे खंदा हो सहर
जैसे महबूब की उल्फत की नज़र
इनकी मासूम हंसी
एश अंगेज़ सुकून मुझको अता करती है
मेरा हर दर्द मिटा देती है
ग़म अफ़्कार भुला देती है
मेरे बच्चों की हंसी !
Comments
Post a Comment
Thanks