Skip to main content

Posts

Showing posts from July, 2013

मेरी बेटी

कद में छोटी बाते बड़ी मेरी बेटी बिस्तर हैं पूरा खाली पापा के सर पे फिर भी हैं लेती मेरी बेटी खाना खुद का गीरा देती पर पापा के लिए खिलोंनो के बर्तन में खाना बनाती मेरी बेटी मेरी बेटी शैतानियत करके घर के कोने में छुप जाती में मनाने जाऊ , खुद पापा को डाट देती मेरी बेटी पापा के कंधों पे बैठकर खुद को स्ट्रोंग कहती मेरी बेटी एक दिन पापा के उन्ही कंधों के डोली में छूप जाएगी और चली जाएगी मेरी बेटी और पापा फिर उन्ही खिलोनो में घर के कोनो में उसी कागज में ढूंढेंगे ….अकेले अपनी बेटी कहीं से शायद वह मुझे वापस डाट दे मेरी बेटी …मेरी बेटी