क्यूँकी राह में धूप तो होगी स्वप्न देखा नहीं जाता महसूस किया जाता है इसमें शब्दों का खेल नहीं वरन रक्त और पसीने का मेल किया जाता है ऐसा वक़्त भी आता है जब गिरने पर दर्द को भी दर्द का भान नहीं होता कई बार हारने पर भी जीत की उम्मीद छूटने का ज्ञान नहीं होता मौत खडी हो लक्ष्य के दरमियाँ फिर भी सांस नहीं रूकती परिस्थितियाँ कहते थक जाएँ पर 'एक बार फिर' कोशिश करने की प्यास नहीं बुझती और तुम कहते हो की हम रुक जाएं क्यूँकी राह में धूप तो होगी स्वप्न महसूस करना कोई जज्बात की बात नहीं ये तो खुद की खुद से जंग है कायरों को मिलने वाली सस्ती सौगात नहीं व्यापार में लाभ हानि तो व्यापारी देखते हैं सपनों के लिए लड़ने वालों को व्यापरी के तराजू में नहीं तौलते हैं धूप छाँव क्या चीज़ है ये तो सूरज के अस्तितिव को भी नहीं पूजते है जो अपने स्वप्न के लिए जीते हैं वो जीवन का मृत्यु को भी रीझते है और तुम कहते हो की हम रुक जाएं क्यूँकी राह में धूप तो होगी ...
न जाने क्यों, बारिश की बूंदों में ठंडक होती है, हर आहट पे दिल पे दस्तक होती हैं चलने को चलते है हम हज़ार कदम पर मंजिल बस एक कदम दूर होती है This is my Poem collection,some written by me and some from my fav writers.